सुनिये "ये कौन सख़ी हैं जिनके लुहू की अशरफ़ियाँ छन-छन-छन-छन"
अपने हिंदुस्तान में इस तरह की साहित्यिक प्रस्तुतियाँ कहाँ हैं, ये आप हमें बताएंगे।
फिलहाल आइये सुनिये फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की एक नज़्म में आर्ट ऑफ़ रीडिंग और मलिका पुखराज को।
पुरुष स्वर किसका है ये बात सीडी का फ़्लैप खो जाने से मुझे याद नहीं रही। कोई बताए तो दर्ज कर दूँगा.
"ये कौन सख़ी हैं जिनके लुहू की अशरफ़ियाँ छन-छन-छन-छन"
Comments
पुरुष आवाज़ भी
वज़नदार और रौबदार है -
बहुत अच्छा लगा !
-लावण्या