सुनिये अमृता प्रीतम की किताब रसीदी टिकट के एक हिस्से का बचा हुआ हिस्सा



शायदा ने एक नया ब्लॉग शुरू किया है और इस ब्लॉग पर पहली पोस्ट इमरोज़ से मुलाक़ात के बारे में लिखी है. हमने अमृता प्रीतम की किताब रसीदी टिकट का जो हिस्सा यहाँ पेश किया था उसका बचा हुआ हिस्सा पेश करने का यह माक़ूल वक़्त है. सुनिये

Comments

Anonymous said…
सुन के अच्छा लगा। आप संगीत और पॉडकास्ट को कैसे मिक्स करते हैं?
kabhii kabhii na jaaney kyu bahut padhey hue shabd bhi samjh nahi aatey...sirf avaaz guunjti hai-asar karti hai..
शायदा said…
बहुत ख़ूब। इससे अच्‍छा और क्‍या हो सकता था। अच्‍छा लगा सुनना।
bhai apki female following badhti dekh rashq hota hai vah!
Urmi said…
बहुत बढिया!! इसी तरह से लिखते रहिए !

Popular posts from this blog

क्या तुमने कभी कोई सरदार भिखारी देखा?