सुनिये त्रिलोचन की एक ग़ज़ल

ग़ज़ल के शुरू में आवाज़ ज्योत्सना तिवारी की है और ग़ज़ल पेश कर रहे हैं पंकज श्रीवास्तव

त्रिलोचन की ग़ज़ल "आप कहते हैं तो अपनी भी सुना देता हूँ मैं"



Comments

Udan Tashtari said…
पंकज की आवाज गहरी है. आभार सुनाने के लिए.
बेशक यह मंच घोर तम के देश में
दीपक जला रहा है.....पढने की कला के दीपक.
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मौजूदा ग़ज़ल
त्रिलोचन जी की तरह ही गहरी है.
ऐसी शुद्ध साहित्यिक रचना को आवाज़ से
आपने हम सब तक पहुँचाया,
यह स्वागतेय है और वन्दनीय भी.
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बधाई
डा.चंद्रकुमार जैन
Congrats for being number one. Lets have champagne!!
अच्छा लगा ।

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