ज्ञानरंजन के कबाड़खाने से उपन्यास अंश के अंश
अशोक पांडे का इसरार टाला न जा सका । हम ख़ुद भी ज्ञानरंजन जी के प्रशंसकों में हैं। जब से कबाड़खाना पढा है तब से ही इस उपन्यास अंश के दीवाने हैं । सुनिए और बताइये कि पाठ के साथ कितना न्याय हो सका?
ज्ञानरंजन के कबाड़खाने से उपन्यास अंश के अंश। स्वर इरफ़ान ।
ज्ञानरंजन के कबाड़खाने से उपन्यास अंश के अंश। स्वर इरफ़ान ।
Comments
उम्दा पेशकश.