सोचो तो

गोरख पांडेय की कविता इरफ़ान की आवाज़ में.


जन संस्कृति मंच द्वारा जारी ऑडियो बुक 'आएंगे अच्छे दिन' से

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बहुत अच्छा अंदाज है !

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