संडे स्पेशल: आज सुनिये लपूझन्ने का बचपन और कर्नल रंजीत

मैंने पहले भी कहा है कि लपूझन्ना मेरा पसंदीदा ब्लॉग है. इसमें न तो कोई मुझसे सफ़ाई माँग सकता है और न ही यह आरोप लगा सकता है कि हम अपनी यारी निभाते हुए ये भूल रहे हैं कि इस पोस्ट से भी अच्छी कई पोस्टें हैं जो इस पर भारी हैं और हम संडे स्पेशल में उन्हें नज़र अंदाज़ कर रहे हैं. अब तो हम इन बातों पर कान भी नहीं देते क्योंकि आख़िरकार आर्ट ऑफ़ रीडिंग हमारे मन की तरंग है और इसमें हम अपने वक़्त और पूँजी का ख़ासा ख़सारा कर रहे हैं. पिछले हफ़्ते हमें अपनी व्यस्तताएँ ज़्यादा प्यारी रहीं क्योंकि हमें अपने बिल भी तो चुकाने होते हैं। कर्नल रंजीत और विज्ञान के पहले सबक़